भारत में सबसे बड़ा समस्या क्या हैं ? अशिक्षा , गरीबी ,बेरोज़गारी या आजकल
की सबकी चहेती जुबान भ्रष्टाचार... ? जब भी चुनाव आता हैं , ये सब चीजें
हीं , हर बार मुद्दा बनतीं हैं | प्रश्न ये उठता हैं की हम लोग हर बरस इतने
अशिक्षित , गरीब और बेरोजगार कैसे पैदा कर रहे हैं और क्यों कर रहे हैं ?
साक्षरता के मामले में हम दुनिया में १३७ वें क्रमांक पे आते हैं , दुनिया
का हर तीसरा गरीब भारतीय हैं , क्या ये राजनीती शाजिस हैं या हम लोगों का
मानसिकता की हम लोगों को इन सब चीजों से निकलना ही नहीं हैं ?गरीबी
,अशिक्षा और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे पर तो हर कोई बोल और लिख रहा हैं , आज
हम अपने मानसिकता पर नजर डालते हैं !
हम लोगों की बड़ी खास बात हैं की हम लोग किसी भी चीज को सीधे ना नहीं कहते है ,आखिर इज्जत नाम की भी तो कोई चीज हैं !! मान लीजिए , आप किसी अनजान जगह पर हैं और आप वहाँ पर खड़े लोगों से अपने गंतव्य स्थान के बारे में पूछेंगे तो वो सीधे ना नहीं बोलेंगे , उनको अगर उस जगह के बारे में नहीं भी मालूम होगा तो भी कुछ न कुछ बोलेंगे ही क्योंकि बोलना हमारा क़ानूनी अधिकार हैं , "शायद सीधे जाना पड़ेगा... या स्टेशन होकर ...., एक काम कीजिए उस बस वाले से पुछ लीजिए " |
मान लीजिए आप एक जागरूक और जिम्मेवार नागरिक हैं और आप को लगता हैं की आपके कार्यछेत्र में कुछ गलत हों रहा हैं और गलती से आप उस गलती को सही करने वहाँ पहुच गये !! पहले तो कोशिश की जायेगी आप उस गलती के हिस्सा बन जाये ,इसके लिए तरह तरह के लुहाभाने तोहफ़े का फुलझडियां आपके सामने फोड़ा जायेगा किन्तु फिर भी अगर आपका गलती को सही करने का जोश बरक़रार है तो अब आप बम के बिस्फोट के लिए तैयार हों जाइये !! अब आपको साबित किया जायेगा की आप भी इस तरह के गलती में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल हैं और इसको इतनी बेशर्मी से नगाड़े की तरह पीटा जायेगा की आपकी जागरूकता और जिम्मेवारी वहीँ पर टाय-टुई फिस्स हों जानी चाहिए !! किन्तु अगर आप खुद बेशर्मी का रॉकेट हैं और इस बम का भी आप पर कोई असर न हुआ तो किसी तरह इस तंत्र से अलग करने का कोशिश में पूरा तंत्र लग जायेगा | मेरा मानिये अगर इतनी कोशिश उस गलती को सही करने में किया जाता तो कब का ठीक हों चूका होता , खैर छोडिये ये सब तो चलते ही रहेगा !!
आजकल ग्रामीण विकास का जबरदस्त लहर चल रहा हैं !! हमारे जैसे बहुत सारे नवयुवक इस लहर में बह-बह कर आ रहे हैं और जोर जोर से चिल्ला रहे हैं ,मैंने ये कर दिया ,वो कर दिया , आज दलित के यहाँ पानी पिया , कल पिछड़ी जाति के यहाँ खाना खाया , परसों गाँव के विवाह समारोह में भाग लेने जा रहे हैं परन्तु जिस विकास का मुद्दा ले कर वो आये था उसके बारे में कोई बात नहीं हैं और सही भी हैं क्योंकि facebook में विकास की बातों पर कोई like नहीं आता हैं | आजकल नेता बनने और बनाने का नया प्रथा चला हैं और सबसे मजे की बात ये हैं की वो लोग नेता बना रहे हैं , जिन्होंने कभी नेतृत्व किया ही नहीं हैं |मेरा हमेशा से ये मानना रहा हैं की एक अच्छे नेता बनने के लिए ये सबसे जरुरी हैं की पहले आप एक अच्छे अनुयायी बने , तंत्र को समझे | सामाजिक विकास का सबसे बड़ा मुश्किल मुद्दा ये हैं की हम लोगों को मुश्किलों का ही पता नहीं हैं | हम चंद बुद्धिजीवी लोग अपना सोच लाखों लोगों पर थोप रहे हैं और उनका हीं करोडों रूपया उन्ही पर खर्चा करके उनको विकास का मायावी सपना दिखा रहे हैं और जता रहें हैं की हम लोग उन पर अहसान कर रहें हैं |
हम लोगों की बड़ी खास बात हैं की हम लोग किसी भी चीज को सीधे ना नहीं कहते है ,आखिर इज्जत नाम की भी तो कोई चीज हैं !! मान लीजिए , आप किसी अनजान जगह पर हैं और आप वहाँ पर खड़े लोगों से अपने गंतव्य स्थान के बारे में पूछेंगे तो वो सीधे ना नहीं बोलेंगे , उनको अगर उस जगह के बारे में नहीं भी मालूम होगा तो भी कुछ न कुछ बोलेंगे ही क्योंकि बोलना हमारा क़ानूनी अधिकार हैं , "शायद सीधे जाना पड़ेगा... या स्टेशन होकर ...., एक काम कीजिए उस बस वाले से पुछ लीजिए " |
मान लीजिए आप एक जागरूक और जिम्मेवार नागरिक हैं और आप को लगता हैं की आपके कार्यछेत्र में कुछ गलत हों रहा हैं और गलती से आप उस गलती को सही करने वहाँ पहुच गये !! पहले तो कोशिश की जायेगी आप उस गलती के हिस्सा बन जाये ,इसके लिए तरह तरह के लुहाभाने तोहफ़े का फुलझडियां आपके सामने फोड़ा जायेगा किन्तु फिर भी अगर आपका गलती को सही करने का जोश बरक़रार है तो अब आप बम के बिस्फोट के लिए तैयार हों जाइये !! अब आपको साबित किया जायेगा की आप भी इस तरह के गलती में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल हैं और इसको इतनी बेशर्मी से नगाड़े की तरह पीटा जायेगा की आपकी जागरूकता और जिम्मेवारी वहीँ पर टाय-टुई फिस्स हों जानी चाहिए !! किन्तु अगर आप खुद बेशर्मी का रॉकेट हैं और इस बम का भी आप पर कोई असर न हुआ तो किसी तरह इस तंत्र से अलग करने का कोशिश में पूरा तंत्र लग जायेगा | मेरा मानिये अगर इतनी कोशिश उस गलती को सही करने में किया जाता तो कब का ठीक हों चूका होता , खैर छोडिये ये सब तो चलते ही रहेगा !!
आजकल ग्रामीण विकास का जबरदस्त लहर चल रहा हैं !! हमारे जैसे बहुत सारे नवयुवक इस लहर में बह-बह कर आ रहे हैं और जोर जोर से चिल्ला रहे हैं ,मैंने ये कर दिया ,वो कर दिया , आज दलित के यहाँ पानी पिया , कल पिछड़ी जाति के यहाँ खाना खाया , परसों गाँव के विवाह समारोह में भाग लेने जा रहे हैं परन्तु जिस विकास का मुद्दा ले कर वो आये था उसके बारे में कोई बात नहीं हैं और सही भी हैं क्योंकि facebook में विकास की बातों पर कोई like नहीं आता हैं | आजकल नेता बनने और बनाने का नया प्रथा चला हैं और सबसे मजे की बात ये हैं की वो लोग नेता बना रहे हैं , जिन्होंने कभी नेतृत्व किया ही नहीं हैं |मेरा हमेशा से ये मानना रहा हैं की एक अच्छे नेता बनने के लिए ये सबसे जरुरी हैं की पहले आप एक अच्छे अनुयायी बने , तंत्र को समझे | सामाजिक विकास का सबसे बड़ा मुश्किल मुद्दा ये हैं की हम लोगों को मुश्किलों का ही पता नहीं हैं | हम चंद बुद्धिजीवी लोग अपना सोच लाखों लोगों पर थोप रहे हैं और उनका हीं करोडों रूपया उन्ही पर खर्चा करके उनको विकास का मायावी सपना दिखा रहे हैं और जता रहें हैं की हम लोग उन पर अहसान कर रहें हैं |
2 comments:
gud job prabhat,,,,u looks long race racer buddy....
sahi hai boss.....
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