जिंदगी का सफ़र बढ़ाते
चलो,
मंजिलो के पास आते
चलो |
अफ़सोस,पश्चाताप के
भंवर से निकल,
जूनून के गीत
गुनगुनाते चलो !!
बादलों के गर्जन का इतबार
करो ,
तेज हवाओं के रुकने का न
इंतज़ार करो,
मंजिल तुझे बुला रही हैं,
हर मोड़ पे दीप जला रही हैं
!|
सृष्टि के इस अनुपम उपहार
को उपयोग दो,
खुद के खुदी के लिए इसको
झोंक दो !!
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