Tuesday, January 31, 2012

अमावस और पूनम

तन सोया था ,
मन खोया था |
आँखे नम थीं ,
बातें कम थीं |

कुछ खास न करने का मलाल था ,
बंदिशों का चौतरफा दीवाल था ,
खुद पर खुद का चल रहा कुदाल था |
पीछे का व्यथित इतिहास था ,
आज प्रभात में अमावस का अहसास था |

साथ में, निंदिया भी अपना जलवा दिखा रही थी,
धीरे-धीरे अपनी बाँहों में सुला रही थी |
पता नहीं क्या बतलाया !!
क्या दिखलाया !!
कैसा जादू चलाया !!

किन्तु ,जब  जागा ,पूनम का अहसास पाया |
हवा के झोंको से मिलने में मज़ा आया ,
सूरज की किरणों ने जोश का तिल्ली जलाया ,
चिड़ियों के विचरण ने उमंग लाया |
और एक बार  फिर से,
आकाश में उड़ने का जस्बा पाया |

Friday, January 27, 2012

आहिस्ता , आहिस्ता !!





















आहिस्ता , आहिस्ता !!
कदम बढ़ा रहा हूँ ,
खुद को तपा रहा हूँ ,
अपने हाथों से,
एक घरोंदा बना रहा हूँ |

आहिस्ता , आहिस्ता !!
एक विद्रोह को दबा रहा हूँ ,
स्वाद को भुला रहा हूँ',
क्रोधी ज्वालामुखी को खा रहा हूँ,
एक ढोंगी समाज को झुंझला रहा हूँ |

आहिस्ता , आहिस्ता !!
सूरज से नजरे मिला रहा हूँ ,
दूरियों को मिटा रहा हूँ ,
भ्रष्टाचार की दलदल में.
चंद कमल खिला रहा हूँ |

आहिस्ता , आहिस्ता !!
रोमांच का धुँआ उड़ा रहा हूँ ,
तन्हाईयों को अपना रहा हूँ ,
छितराई यादों को ,
शब्दों में लगा रहा हूँ |

आहिस्ता , आहिस्ता !!
निरक्षरों से सीख पा रहा हूँ ,
मुश्किलों को भुना रहा हूँ ,
अवसरों को सहला रहा हूँ ,
मन की शांति पा रहा हूँ |

  
I am about to complete my tenure of Six Months with Watershed Organization Trust  in Rural Maharashtra .As par curriculum of ICICI Fellowship , I am standing on the precipice of departure , i was making some calculation ki in six months  maine "Kya khoya ? kya paya ?" and i wrote this poem .The inspiration behind this poem is title photo of this poem clicked by Jitu Rahane of Chandnapuri Village (It was 1st time when he was using camera )  , Prakhar Jain (Waise ye banda hamesha dhandha ki hi sochta hain) but kal rat ko during our conversation usne bataya Bhai " Sala abhi main Itna problem aur challenge jhel  raha hun ki Life main Maza  aa gaya hain" and no doubt ICICI Fellowship team ... I have tried to put my personal learnings of  six months of this fellowship and Jagriti Yatra ( Entrepreneur Train Journey of fifteen days across India)  in this poem .


Thursday, January 26, 2012

चाहत

एक समां जलाना चाहता हूँ ,

लोगों को जगाना चाहता हूँ ,

आसमां के ऊपर अपना घर बनाना चाहता हूँ |

हर दर्द को अपनाना चाहता हूँ ,

खुशियों को लुटाना चाहता हूँ ,

हर घर में ज्ञान की ज्योति जलाना चाहता हूँ ,

अपने माँ के दर्द को भुलाना चाहता हूँ ,

हर गाँव तक अस्पताल पहुँचाना चाहता हूँ,

प्रान्तीय भेद-भाव को मिटाना चाहता हूँ  ,

एक सशक्त भारत बनाना चाहता हूँ !!

I wrote this poem during our training days of ICICI Fellowship at Khandala in August 2011 . This was my first serious attempt to write poetry  and from here my poetry life starts .......

Saturday, January 21, 2012

जिंदगी

जिंदगी एक जंग है,
कहीं चहकता उमंग हैं,
तो कहीं दहकता गम हैं |

कहीं 2G,3G और पोस्टल घोटाला हैं,
तो कहीं आत्महत्याओं का बोलबाला हैं |

कहीं "Shining India" का नारा हैं,
तो कहीं रोजीरोटी का भी न सहारा हैं |

कहीं IT Industry का उड़ता पताका हैं,
तो कहीं बेरोजगारों का उठता जनाज़ा हैं !!

कहीं Steves के IPad का हुडदंग हैं !
तो कहीं एड्स और कैंसर पीडितों का जंग हैं !!

कहीं Abroad जाने का घमासान हैं ,
तो कहीं खुद से लड़ता इंसान हैं !!

कहीं FMCGs का बढ़ता प्रपंच हैं ,
तो कहीं बाढ़ और सुखा का ना कोई अंत हैं !!

कहीं इंदिरा नूयी और चंदा कोचर का यशश्वी अभियान हैं ,
तो कही सीता , रीता और गीता का रुद्रगान हैं !!

जिंदगी एक जंग है,
कहीं चहकता उमंग हैं,
तो कहीं दहकता गम हैं |

I have written this poem when we lost Steve jobs (One of my favourite role model not because of his  IPhone or Ipad but because of his creativity , his passion for excellence and his never dying attitude) .

Friday, January 20, 2012

एक शाम दोस्तों के नाम

एक सुनहरी शाम ,
गलियातें दोस्तों का पगला आवाम !!

खुला आसमान,
हरी-हरी घास का उबड-खाबड़ मैदान,
मद्धम-मद्धम थिरकती हवाओं का मधुर नृत्यगान,
थंडा , मध और चीखने का उत्तम प्रावधान,
सड़क किनारे जलते स्ट्रीट लाइट से,
कैंडल लाइट डिनर वाला अवसान !!

बांग्ला, हिंदी और इंग्लिश का मधुर मेल था,
व्याकुल प्रेमियों का हँसता-रोता वियोग था !!

क्लास से लेकर US तक का ज्ञान था ,
बच्चनजी की "मधुशाला" का यहीं तो व्याख्यान था !!

मिलने-मिलाने का अंदाज़ निराला था,
गलें-शिकवें भुलाने का सबसे सुगम हाला था !!

चाँद को पृथ्वी पर लाने की बातें थीं ,
कभी अलग न होने की "stupid" जस्बातें थीं !!

ये मस्तानों का इन्कलाब था,
कभी न पूरा होने वाला मनचला ख्याल था !!

इस हंगामे में सब "Force" था ,
पर आगे बढ़ने का अब न कोई "Source" था !!

एक-दूसरे को उठाने का तकरार था ,
"हॉस्टल न जाने का इतबार था !!

पर इस चंडाल पेट ने सब रुकवाया,
और इस सुनहरी शाम का चीखता-चिल्लाता इंतकाल करवाया !!



This poem is dedicated to my friends at Jalpaiguri Government Engineering College .Miss you all  !!!

Wednesday, January 11, 2012

जागृति यात्रा

जागृति यात्रा एक अनुभूत यत्न हैं,
मतवालों को जोड़ने का सफल प्रयत्न हैं |

मन में विश्वास था ,
लोगों में उत्साह था,
८००० km की यात्रा का ,
एल अलग ही अंदाज़ था |

ट्रेन में चहकती रातें थीं ,
Role Models की जोशीले बातें थीं |

स्वादिष्ट व्यंजनों का भरमार था ,
रहने ,खाने , पीने और नहाने का अनूठा व्यवधान था |

विविधताओं का मधुर मेल था,
सिखने सिखाने का रेलम-रेल था |

"यारों चलो" का जो गाना था,
करता सबको दीवाना था |

Panel-Discussion में तृप्त करती प्यालें थीं ,
अभिलाषित यात्रीओं की उत्कंठित सवालें थीं |

“उद्यम जनित विकास” का ये नारा था ,
भारत से गरीबी , अशिक्षा और बेरोज़गारी भगाने का सफल इरादा था !

जागृति यात्रा एक अनुभूत यत्न हैं ,
मतवालों को जोड़ने का सफल प्रयत्न हैं |

Days Cherished and Days Long for

7th Aug 2011 ka subh din aaya ,
ICICI ne sampoorna Bharat se 15 Fellows ko Khandala mai Milaya !
8th Aug ko Induction karwaya ,
Hotel Valerina main sabko thaharaya !!

25 days ka Induction Training Programme tha,
Guest lectures ka bharmar tha ,
Fellows aur Faculties ka khata-mitha pyar tha !

Subah nau baje se class mai jana,
Uske bad kal ka feedback batana !

Mera deri se aana,
Zuber bhai ka PJ lagana ,
Sombodhi ka prasna bhul jana,
Sagar ka Bullseat karana !!

Awdesh bhai ka hath hilana,
Uttam ka Johnson lagana,
Varun ka body dikhana,
Kamya ka Gussana !!

Sanket ka hanste jana..
Divya ka kandha hilana,
Priyank ka emotional ho jana,
Bhushan ka Chun lagana !!

Sriprabha ka satta aur sakti ka paribhasha batana,
Gautam ka pyar jatana ,
Pari ke ghar ka yad aana !!

Madhukar sir ka fine ka bahana,
Utpal Issar ka economical Fatkar lagana ,
Sohail Merchant ka Body language sikhana,
Tushar shah ka water Resource batana,
Social Media ko jhel pana !!

MagicBus ka maja Uthana,
NGO Placement main dil ka dhakdhakana,
Departure ceremony mai thumka lagana !!

Looking forward to meeting u guys in March-2012 .............lets relive that Madness !!