Saturday, January 21, 2012

जिंदगी

जिंदगी एक जंग है,
कहीं चहकता उमंग हैं,
तो कहीं दहकता गम हैं |

कहीं 2G,3G और पोस्टल घोटाला हैं,
तो कहीं आत्महत्याओं का बोलबाला हैं |

कहीं "Shining India" का नारा हैं,
तो कहीं रोजीरोटी का भी न सहारा हैं |

कहीं IT Industry का उड़ता पताका हैं,
तो कहीं बेरोजगारों का उठता जनाज़ा हैं !!

कहीं Steves के IPad का हुडदंग हैं !
तो कहीं एड्स और कैंसर पीडितों का जंग हैं !!

कहीं Abroad जाने का घमासान हैं ,
तो कहीं खुद से लड़ता इंसान हैं !!

कहीं FMCGs का बढ़ता प्रपंच हैं ,
तो कहीं बाढ़ और सुखा का ना कोई अंत हैं !!

कहीं इंदिरा नूयी और चंदा कोचर का यशश्वी अभियान हैं ,
तो कही सीता , रीता और गीता का रुद्रगान हैं !!

जिंदगी एक जंग है,
कहीं चहकता उमंग हैं,
तो कहीं दहकता गम हैं |

I have written this poem when we lost Steve jobs (One of my favourite role model not because of his  IPhone or Ipad but because of his creativity , his passion for excellence and his never dying attitude) .

3 comments:

mukesh said...

hey my try to remove the poverty and for it u must have something..Really appreciate ur feeling keep it dude.

Ziddi:Satya said...

gud observation..

Unknown said...

@Mukesh bhai Aap jaise bade logo se ye ummid na thi !!